शनिवार, 24 जून 2023

संजीवनी


जंगली पौधों 
और कांटों के 
बीचोंबीच जब 
तमाम नाउम्मीदी को
झुठला कर,
सूखी टहनियों पर
एक दिन अनायास 
खिलता है एक
श्वेत गुलाब!
उस खुशी को 
बयान करना
है नामुमकिन ।
जबकि इस गुलाब का
खिलना है प्रमाण, 
कि उम्मीद से बेहतर
कोई संजीवनी नहीं ।
निरंतर प्रयास के आगे
कुछ भी असंभव नहीं ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर। श्वेत को निर्गुण का प्रतीक माना गया है। इसे निर्गुण संजीवनी ही मान लेते हैं😊

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  2. कई बार प्रयास विफल होते हैं, लेकिन जब अकस्मात उन्ही प्रयासों में से एक फलित होता है तो खुशी की ठिकाना नहीं रहता।

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  3. Hi,Noopur, You are blessed that you can express simple things of life so beautifully ! I always look forward to read what you write.

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