बाज़ारों की रौनक़ क्या कहिये !
काफ़िले रोशनी के क्या कहिये!
खुशियों की दस्तक क्या कहिये!
खुशहाली की मन्नत क्या कहिये !
वंदनवार हर द्वार पर क्या कहिये !
उम्मीदों में बरकत क्या कहिये !
उमंगों की थिरकन क्या कहिये !
चहकते चेहरों की रंगत क्या कहिये !
गुजिया की लज़्ज़त क्या कहिये !
माँ लक्ष्मी का आगमन क्या कहिये!
खील-बताशों से पूजन क्या कहिये!
रामजी लौटे अयोध्या क्या कहिये !
दीपावली का शुभ वंदन क्या कहिये !
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, ओंकार जी. नमस्ते.
हटाएंबहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंएक बुक जर्नल का शुक्रिया. पढने और सराहने के लिए. नमस्ते पर स्वागत है.
हटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंढेरों शुभकामनाएं
शुक्रिया, भारती जी. आपकी शुभकामनाएं बो दी हैं कलम में.
हटाएंअनुपम सृजन
जवाब देंहटाएंसहृदय सराहना. बहुत धन्यवाद.
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