शनिवार, 2 अप्रैल 2022

मुखर हो हास


 नव संवत्सर 
 हों स्वर मुखर 
 आशा के
 प्रार्थना के
 साहस के
 सद्भाव के ।

 श्रम के 
 फूल खिलें
 स्वेद बिंदु बन
 भाल पर ।
 
 कर्मठ तन-मन
 दामिनी सम 
 ललकारें ..
 देह की अस्वस्थता,
 अंतरद्वंद,
 मन के कलुष को ।
 
 खुरदुरे हाथों में 
 मुट्ठी भर मिट्टी,
 मेहनत से सींची जो,
 लो ! हथेलियों पर
 फूली सरसों ।
 
 स्वर मुखर हों ।
 घर-घर मंगल हो ।
 आनंद सुगंध हो ।
 धूप-सा हास हो,
 कुम्हलाए मुख पर ।

जीवन का संबल हो
आत्मबल का शंखनाद ।
 
 

17 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 02 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आनंद वार्ता में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार । नमस्ते बङी सखी ।

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (3-4-22) को "सॄष्टि रचना प्रारंभ दिवस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा".(चर्चा अंक-4389)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. नव संवत्सर चर्चा में अवसर देने के लिए आभारी हूँ ।। शुभ हो आने वाला समय, कामिनी जी । नमस्ते ।

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  3. बहुत सुन्दर नुपुरं जी.
    'खुरदुरे हाथों में
    मुट्ठी भर मिट्टी,
    मेहनत से सींची जो,
    लो ! हथेलियों पर
    फूली सरसों ।'
    बहुत सुन्दर और सच्ची पंक्तियाँ !

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    1. गोपेश जी, सह्रदय सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार । नव संवत्सर शुभ हो ।

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  4. खुरदुरे हाथों में
    मुट्ठी भर मिट्टी,
    मेहनत से सींची जो,
    लो ! हथेलियों पर
    फूली सरसों ।
    वाह !!!
    बहुत ही सुन्दर...
    नवसंवत्सर की शुभकामनाएं ।

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    उत्तर
    1. शुभ हो नव संवत्सर ।
      सह्रदय सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार ।

      हटाएं
  5. स्वर मुखर हों ।
    घर-घर मंगल हो ।
    आनंद सुगंध हो ।
    धूप-सा हास हो,
    कुम्हलाए मुख पर ।

    जीवन का संबल हो
    आत्मबल का शंखनाद ।
    बहुत सुंदर,प्रेरक और सामयिक रचना ।
    नव संवत्सर की हार्दिक बधाई 💐💐

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    1. धन्यवाद,जिज्ञासा जी ।
      नव संवत्सर शुभ हो ।

      जो कुछ बदलना चाहिए
      हमारे बदलने से बदलेगा
      एक छोटा बदलाव भी
      हमें अपार खुशी देगा ।

      हम सबको मनोबल दें माँ ।

      हटाएं
  6. मेहनत से सींची जो,
    लो ! हथेलियों पर
    फूली सरसों ।
    वाह !!!
    बहुत ही सुन्दर...

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