गुरुवार, 2 जनवरी 2020

वंदनवार



एक दिन अकस्मात 
झर गए यदि सब पात,
ऐसा आए प्रचंड झंझावात  .. 
ना जाने क्या होगा तब ?
सोच कर ह्रदय होता कंपित। 

सूखी टहनियों पर कौन गाता गीत ?
सुने ठूंठ पर कौन बनता नीड़ ?
रीते वृक्ष का कोई क्यों हो मीत ?

क्या कभी हो पायेगा ऐसा संभव ?
ठूंठ की जड़ में जाग्रत हो चेतना। 
प्राण का संचार हो शाखाओं में ऐसा  .. 

लौट आए बेरंग डालियों में हरीतिमा। 
कोई पंछी रुपहला राह भूले पथिक सा, 
संध्या समय में आन बैठे विस्मित-सा। 

अनायास ही छेड़ दे कोई राग ऐसा, 
धूप और वर्षा की बूंदों के शगुन-सा।  
साहस के नव पल्लवों की हो ऐसी छटा 
पात-पात शोभित हो वंदनवार-सा।  



24 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. Thank you Pranita.
      Readers' feedback is always welcome.
      Best wishes for a happy,healthy and successful 2020.
      Regards.

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ३ जनवरी २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. आभारी हूँ,श्वेताजी.
      बहुत दिनों बाद पाँच लिंकों के पन्ने पर जगह मिली.
      २०२० अच्छा बीते. शुभकामनायें.
      धन्यवाद.

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  3. उत्तर
    1. बहुत शुक्रिया. आपके विचार जाने की सदैव उत्सुकता रहेगी. नमस्ते.
      २०२० बहुत अच्छा बीते. शुभकामनायें.

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  4. बेहद खूबसूरत रचना।नववर्ष मंगलमय हो।

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    1. सुजाता जी, आपका नमस्ते पर हार्दिक स्वागत है.
      आपको पढ़ कर अच्छा लगा,यह जान कर ख़ुशी हुई.
      बहुत-बहुत शुक्रिया.

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    2. सुजाता जी, २०२० नयी संभावनाओं के साथ गले मिले सबसे,तो क्या कहने !
      सस्नेह शुभकामनायें.

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  5. अनायास ही छेड़ दे कोई राग ऐसा,
    धूप और वर्षा की बूंदों के शगुन-सा।
    साहस के नव पल्लवों की हो ऐसी छटा
    पात-पात शोभित हो वंदनवार-सा।
    बहुत सुन्दर...
    वाह!!!

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    उत्तर
    1. बड़ी सखी, आपके आशीर्वाद और प्रोत्साहन से साल का आग़ाज़ हो तो सब अच्छा ही होगा. सादर आभार. २०२० शुभ हो.

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  6. वाह! बहुत सुंदर। हर कोई लिखे आप-सा।
    नववर्ष की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ।

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    1. प्रकाश जी, आपकी सहृदय सराहना से कलम प्रोत्साहित हुई.हार्दिक आभार.
      नमस्ते पर आपका सविनय स्वागत है.
      २०२० शुभ हो.

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  7. वाह!!बेहतरीन!नववर्ष की मंगलकामनाएँँ💐💐

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    उत्तर
    1. शुक्रिया, शुभा जी.
      नमस्ते पर आपका सहर्ष स्वागत है.
      २०२० में खुशियों और स्नेह का सिलसिला क़ायम रहे.नमस्ते.

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  8. "सूखी टहनियों पर कौन गाता गीत?
    सुने ठूंठ पर कौन बनता नीड़?
    रीते वृक्ष का कोई क्यों हो मीत?"

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    उत्तर
    1. राकेशजी, नमस्ते पर आपका स्वागत है ।
      धन्यवाद ।
      पढ़ते रहिएगा ।
      बताते रहिएगा ।

      हटाएं
  9. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(०५- ०१-२०२० ) को "माँ बिन मायका"(चर्चा अंक-३५७१) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    **
    अनीता सैनी

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    उत्तर
    1. नमस्ते, अनीताजी. हार्दिक आभार.
      उत्तर देने में विलम्ब हुआ. क्षमा करें.
      चर्चा का विषय संवेदनशील है. शामिल हो कर अच्छा लगेगा.
      शायद कुछ नया मिलेगा.

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  10. उत्तर
    1. धन्यवाद,खरे जी.
      नमस्ते पर आपका आना होता रहे.मार्गदर्शन मिलता रहे.
      २०२० सबके लिए शुभ हो.

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  11. उत्तर
    1. सादर आभार,सखी.
      वीणा के तार झंकृत हो उठे, आपके प्रोत्साहन से !

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  12. नववर्ष की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ।

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