एक हुए थे निराला
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ।
जिनकी कालजयी रचना,
राम की शक्ति पूजा,
शूरवीरों की आराधना,
अब तक अलख जगाती है ।
एक
सपूत भारत माता के
बहादुर सिपाही ये -
कॉर्पोरल ज्योति प्रकाश निराला ।
जिस शूरवीर ने
कर दिखाया,
वास्तव में
कैसे निभाई जाती है
राम की शक्ति पूजा ।
कैसे चढ़ाया जाता है
जीवन का नैवेद्य ।
कैसे संपन्न होती है
देशभक्ति आराधना ।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजी ।
हटाएंकविता का सच होना
बहुत सुंदर होता है ।
ऐसी सुंदरता का सृजन करने वालों को कोटि कोटि प्रणाम ।
आपका बहुत बहुत आभार ।
श्री सौरभ चढार ...
वाह बहुत खूब अविस्मरणीय
जवाब देंहटाएं
हटाएंधन्यवाद.पुष्पेन्द्र द्विवेदी जी .
सचमुच अविस्मर्णीय अनुभूति थी वह जब कॉर्पोरल निराला की माँ और धर्मपत्नी धीरे - धीरे मंच की और जा रही थीं, अशोक चक्र ग्रहण करने के लिए और फिर जिस तरह उनकी पत्नी बहुत संभाल कर कर प्रशस्ति पत्र हाथों में लेकर लौट रही थीं ...उसी क्षण मन में विचार आया कि जिस निराला ने राम की शक्ति पूजा लिखी थी, उनकी भावना और राम की आराधना का सही मान तो इस निराला और उनके परिवार ने ही रखा .