कब तकमाँ दुर्गा हीमहिषासुर मर्दन करेंगी ?कब तकराजा राम हीरावण से युद्ध करेंगे ?यदि महिषासुरऔर दशाननहमारे भीतर की हीदशाएं हैं,तो हम अपनी लड़ाईखुद कब लड़ेंगे ?सामर्थ्य औरदायित्व बोध जोप्रसाद में पाया हमनेकब उस आत्मबल सेस्वयं अपनेमन के क्लेशहरेंगे हम ?
शायद अभी तक इतना आत्मबल नहीं आ पाया है कि हम अपना भार ख़ुद उठा सकें ... प्रभावी रचना ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंजी । बिल्कुल ठीक ।
अपना मन बनाना है भार उठाने के लिए ।
वर्ना भार तो प्रभु उठाते ही हैं सब का ।
सच अब खुद ही हथियार उठाने होंगे
जवाब देंहटाएंप्रेरक प्रस्तुति
धन्यवाद Kavita Rawat जी ।
हटाएंअपनी लड़ाई हमेशा से खुद ही लड़नी होती है ।
आभार ।
I am extremely impressed along with your writing abilities, Thanks for this great share.
जवाब देंहटाएंThank you for your kind appreciation.
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