बापू ने कहा,
हमने सुना ।
शास्त्रीजी ने कहा,
हमने सुना ।
सुना और
जिल्द बाँध कर
ताक पर धर दिया ।
केवल उन्होंने
इन महापुरुषों का
कहा किया ।
सुना और गुना ।
मान किया ।
सिर्फ़ इसलिए नहीं ।
इसलिए कि उन्होंने
बड़ा सोचा,
और वही किया ।
और उनकी सोच को
जिस - जिसने जिया,
उसी ने उनका
वास्तविक आदर किया ।
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत कम लोगों तक पहुंची ।
हटाएंबात आपने समझ ली ।
बहुत बहुत धन्यवाद जोशीजी ।
सुन्दर!!!
जवाब देंहटाएंविश्व मोहनजी,
हटाएंएक दो लोगों तक ही पहुंची,
चलो बात आगे तो बढ़ी ।
हार्दिक आभार ।
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जवाब देंहटाएंसत्य वचन
जवाब देंहटाएंSahi
जवाब देंहटाएंVery true👏
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