सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

वैष्णव जन तो तेने कहिये


बापू ने कहा, 
हमने सुना । 
शास्त्रीजी ने कहा,
हमने सुना । 
सुना और 
जिल्द बाँध कर 
ताक पर धर दिया । 

जिन्होंने ऐसा नहीं किया,
केवल उन्होंने 
इन महापुरुषों का 
कहा किया । 
सुना और गुना । 
मान किया । 

वे महापुरुष थे,
सिर्फ़ इसलिए नहीं ।   
इसलिए कि उन्होंने 
बड़ा सोचा,
और वही किया । 

और उनकी सोच को 

जिस - जिसने जिया, 
उसी ने उनका 
वास्तविक आदर किया ।   


9 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. बहुत कम लोगों तक पहुंची ।
      बात आपने समझ ली ।
      बहुत बहुत धन्यवाद जोशीजी ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. विश्व मोहनजी,
      एक दो लोगों तक ही पहुंची,
      चलो बात आगे तो बढ़ी ।
      हार्दिक आभार ।

      हटाएं
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