सोमवार, 4 मार्च 2013

प्रार्थना




भय ना हो कारण ,
तुम्हें याद करने का। 


दुःख ना हो कारण ,
तुम्हें याद करने का। 


याद तुम्हें करना ,
संबल हो जीवन का। 


तुम्हें याद करना ,
संकल्प हो जीवन का। 


याद तुम्हें करना ,
आधार हो जीवन का। 


तुम्हें याद रखना ,
सार हो जीवन का। 



चित्र साभार : कर्ण सिंह पति



4 टिप्‍पणियां:

  1. भावपूर्ण प्रार्थना | जय हो


    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
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  2. भवाब्धावपारे महादुःखभीरु
    पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः ।
    कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं
    गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥२॥

    In this Ocean of Worldly Existence which is Endless, I am full of Sorrow and Very much Afraid. I have Fallen with Excessive Desires and Greed, Drunken and Intoxicated, Always Tied in the Bondage of this miserable Samsara (worldly existence),You are my Refuge, You Alone are my Refuge, Oh Mother Bhavani.

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