शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

भारत का स्वाभिमान


भारत का उन्नत हो भाल,

करना है बस वही काम !

अपने बल पर जीतें संग्राम 

बाध्य करें हम युद्ध विराम !

रहें सीखते सब अविराम,

पीछे ना रहे एक भी ग्राम !

काम ही है अपना भगवान !

सब मिलकर दें इसे अंजाम !

कौशल ही बल है यह जान,

हर पथ पर चल सीना तान !

हम ही से भारत की पहचान !

हम ही भारत का स्वाभिमान !

 

बुधवार, 13 अगस्त 2025

झंडा ऊँचा रहे हमारा


बच्चों के नन्हे हाथों में तिरंगा

सच लगता है बहुत ही भला !

ये ही तो सदा लहराएंगे ऊँचा

अपने दम पर भारत का झंडा !


सिद्ध होगी तब सच्ची स्वतंत्रता

जब हिंदुस्तान का हर एक बच्चा

सङकों पर बेचता ना भटकेगा

गर्व से स्कूल में फहराएगा तिरंगा !

 


सोमवार, 11 अगस्त 2025

गमला भर खुशी


गमला भर खुशी

मोल ले लो जी !

मुट्ठी भर मिट्टी

संजीवनी है जी !

मिट्टी से उपजी

भीनी खुश्बू की !

मिट्टी में बोई

जीवन दष्टि की !

जो चीज़ बोई

वही फलेगी !

फ़ायदे की है जी

ये खरीददारी !

मिट्टी की नमी

मन में उतरेगी

नरमी आएगी

फुलवारी खिलेगी

खाद और पानी

देते रहो जी !

मिलती रहेगी

यदि धूप भी,

क्यों न पनपेगी

घर में खुशहाली !