अपने हाथों से लगाये पौधे पर ,
खिलती हैं कलियाँ जब ,
जी खुश हो जाता है तब !
अपने नन्हे-मुन्ने की
मासूम दूधिया हँसी
देख कर भी ,
लगता है यही ।
यही कि देखते-देखते हर कली
फूल बन कर थामेगी टहनी ।
इसी तरह आँखों के सामने मेरी
नौनिहाल मेरा
होगा बड़ा ,
थाम कर हाथ मेरा ,
नन्हे-नन्हे कदम रखता
चलेगा पैयाँ पैयाँ ।
नन्हा मुन्ना मेरा
एक फूल प्यारा प्यारा ।
हौले-हौले खिला
फूल ही है मुन्ना हमारा ।