काठ की गुड़िया
केवल सिर हिलाती है,
बोल नहीं पाती है ।
पर मोल लेने वालों को
ऐसी ही मूक प्रतिमा
बेहद पसंद आती है ।
काठ की गुड़िया
अनेक प्रकार की,
सारी दुनिया में
पाई जाती है ।
कई नामों से
जानी जाती है ।
मिट्टी की गुड़िया ।
मोम की गुड़िया।
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की तो
ग़ज़ब ढाती है ।
नाक - नक़्श महीन
और मुँह में ज़बान नहीं ।
और क्या चाहिए जी ?
हामी भरती हुई
बेजान चीज़ भी
बड़ी आकर्षक और
मनभावन होती है ।
खूबसूरती की
मिसाल होती है।
कुल मिला कर
कमाल होती है !
जिस दिन ये गुड़िया
बोलने लगेगी,
ना जाने क्या-क्या
कह देगी ।
सब की भलाई
इसी में है,
ये गुड़िया घर में
सजावट के लिए ही रहे ।
इसके बोलने में
बड़ा खतरा है।
काठ की गुड़िया . .
मिट्टी की गुड़िया . .
कांच की गुड़िया . .
रबर की गुड़िया . .
जिस दिन ये गुड़िया
बोलने लगेगी,
सुन्दर दिखे ना दिखे . .
अच्छी लगे ना लगे . .
दुनिया बदल देगी ।