आज हुआ मंगल प्रभात ।धूप की जब सुनी पदचापमन में बरबस जागा कौतूहल,किस कारण भीतर तकहुआ किरणों का पदार्पण ।आले में विराज रहा थाएक चित्रांकन अनुपम,प्रभु श्री रामचंद्र सीता मैयाऔर लखन लाल जी अनुज।सूर्य रश्मि ने किया वंदनभाल पर रघुवीर के सूर्य तिलक !पा कर स्पर्श प्रभु राम काधूप हुई संजीवनी बूटी सम ।घर-घर जाकर फिर किया मंगल,जयघोष से जी उठा सकल भुवन ।
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सविनय आभार सहित
प्रेरक कलाकृति : सियाराम और लखन लाल जू
विधा : मिश्रित भारतीय लोक कला
चित्रकार : श्री करन पति