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शनिवार, 22 सितंबर 2018

पिता नहीं होते विदा










                              











बप्पा यदि जाएं ही ना
हमें छोड़ के
कभी घर से
तो अच्छा हो ना ?
सदैव मंगल हो ना ?

पर विसर्जन में
बप्पा जाते हैं क्या ?
ऐसा हमें लगता है ना ?

पर पिता
बच्चों से दूर कभी नहीं जाते ।

विसर्जन होता है उसका
जो जीवन में नहीं खपता ।
दुख ग्लानि आक्रोश कुंठा का
जो भी निभ नहीं सकता ।

जो अपना हो, कभी नही जाता,
बप्पा विराजते हैं मन में सदा ।



2 टिप्‍पणियां:

  1. I am extremely impressed with your writing skills as well as with the layout on your blog.
    Is this a paid theme or did you customize it yourself?
    Anyway keep up the excellent quality writing, it is rare to see
    a great blog like this one these days.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. Thank you for your kind appreciation.
      It is not a paid theme. It is a simple customization done with the options available on the blogger.

      हटाएं

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