सोमवार, 8 मार्च 2010

सुनो


चलते रहो.


टूटी-फूटी सड़क,
धूल  भरी पगडंडी,
एक-एक कर
पार करते रहो.


एक ना एक दिन
वो रास्ता भी आयेगा,
जहां हर तरफ़ होगी
हरियाली
और फूल ही फूल.