रविवार, 4 जुलाई 2010

असंभव

कैसे ?

पत्थरों के बीच
कोपल फूटती है ?

दीवार की दरार के
बीचों - बीच
कोमल पौधा
पनपता है ?

हवा की थपकी से
हौले-हौले हिलते हुए
बोध कराता  है,

असंभव कुछ भी नहीं.





noopuram

2 टिप्‍पणियां:

कुछ अपने मन की भी कहिए