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बुधवार, 10 अप्रैल 2024

शुभ हो संवत्सर


नित नवल मंगल प्रभात 
प्रफुल्लित पात-पात ।
भोर ही मिला समाचार 
झर रहे थे हरसिंगार ।
मानो आशीष अपार
मिले झोली भर-भर ।
नवान्न से भरें भंडार ।
खेतों में भरपूर फसल
बनी रहे नीम की छाँव ।
जीवन के सब नेगाचार
सिद्ध हों सरल सदाचार।
आनन पर सह्रदय हास
शुभ हो नव संवत्सर ।

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