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रविवार, 5 जून 2022

चलो रोपते हैं एक पौधा


चलो इस उम्मीद में 
रोपते हैं एक पौधा, 
कि एक दिन वह  
दुआ बन कर फलेगा ।
जो बरसों बाद घना होगा,
मज़बूत तना होगा ।
शाखों पर नीङ बना होगा, 
चिङिया का कुनबा होगा ।
टहनियों का झूला होगा ।
पक्षियों का कलरव होगा ।
पा कर आमंत्रण छाँव का
डेरा डालेगा गुज़रने वाला,
कोई कुटुंब थका-हारा ।
सुन कर बिटिया का तुतलाना 
कान लगा कर बैठा तोता
कंधे पर आ बैठेगा ।
नन्ही हथेली से चुग कर दाना
फुर्र उङेगी छोटी-सी चिङिया !
कौतुक देख हँस देगी माँ !
और पिता कृतज्ञ मना सोचेगा 
किसने रोपा होगा यह हरा-भरा
वृक्ष विशाल छायादार घना-सा ..
पत्ता-पत्ता झूम-झूम पंखा झलेगा
ठंडी बयार का झोंका थपकी देगा
आश्वस्त पाकर हरीतिमा की छत्रछाया  
धरती बिछा निश्चिंत सो जाएगा पिता ।

चलो रोपते हैं एक पौधा । उम्मीद का ।
बरसों बाद जिसकी ठंडी छांव में बैठा
कोई थका-हारा हो कृतज्ञ देगा दुआ ।
शायद वो भी फिर रोपेगा एक पौधा  
जो बन कर सघन वृक्ष छांव घनी देगा ।

13 टिप्‍पणियां:

  1. चलो रोपते हैं एक पौधा । उम्मीद का ।
    बरसों बाद जिसकी ठंडी छांव में बैठा
    कोई थका-हारा हो कृतज्ञ देगा दुआ ।
    शायद वो भी फिर रोपेगा एक पौधा
    जो बन कर सघन वृक्ष छांव घनी देगा ।
    बहुत बढ़िया नुपूरम जी।एक पेड़ भविष्य की अनगिन संभावनाओं से जोड़ता है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर विचार पूर्ण रचना । ये पौधा रोपने का सिलसिला चलता रहे तो पर्यावरण भी दुरुस्त हो जाये ।

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  3. आपकी लिखी रचना 6 जून 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

    जवाब देंहटाएं
  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(६-०६-२०२२ ) को
    'समय, तपिश और यह दिवस'(चर्चा अंक- ४४५३)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  5. सारगर्भित सोच वृक्ष लगा कर हम भविष्य संवार सकते हैं!!

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  6. बिलकुल सही कहा आपने ।
    हम सभी को पेड़ पौधे लगाने का संकल्प लेना चाहिए । पर्यावरण को समर्पित एक सार्थक रचना । बधाई आपको।

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  7. बहुत सुंदर भाव और कल्पना, वृक्ष लगाना वाकई सबसे बड़े पुण्य का काम है वर्तमान में

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  8. सार्थक जग उपयोगी सोच सुंदर काव्यात्मक प्रस्तुति।

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  9. पौधा रोपने का आह्वान मानव.अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है।
    बेहतरीन अभिव्यक्ति।
    सादर।

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  10. बहुत सुंदर सार्थक एवं सारगर्भित सृजन
    काश ऐसी उम्मीद का पौधा सभी रोप दें बागों में...
    बहुत लाजवाब।

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  11. चलो रोपते हैं एक पौधा

    प्रकृति को बचाने के लिए इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है
    सार्थक और सुंदर सृजन

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  12. चलो इस उम्मीद में
    रोपते हैं एक पौधा,
    कि एक दिन वह
    दुआ बन कर फलेगा ।
    बहुत सुन्दर

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