चलो इस उम्मीद में
रोपते हैं एक पौधा,
कि एक दिन वह
दुआ बन कर फलेगा ।
जो बरसों बाद घना होगा,
मज़बूत तना होगा ।
शाखों पर नीङ बना होगा,
चिङिया का कुनबा होगा ।
टहनियों का झूला होगा ।
पक्षियों का कलरव होगा ।
पा कर आमंत्रण छाँव का
डेरा डालेगा गुज़रने वाला,
कोई कुटुंब थका-हारा ।
सुन कर बिटिया का तुतलाना
कान लगा कर बैठा तोता
कंधे पर आ बैठेगा ।
नन्ही हथेली से चुग कर दाना
फुर्र उङेगी छोटी-सी चिङिया !
कौतुक देख हँस देगी माँ !
और पिता कृतज्ञ मना सोचेगा
किसने रोपा होगा यह हरा-भरा
वृक्ष विशाल छायादार घना-सा ..
पत्ता-पत्ता झूम-झूम पंखा झलेगा
ठंडी बयार का झोंका थपकी देगा
आश्वस्त पाकर हरीतिमा की छत्रछाया
धरती बिछा निश्चिंत सो जाएगा पिता ।
चलो रोपते हैं एक पौधा । उम्मीद का ।
बरसों बाद जिसकी ठंडी छांव में बैठा
कोई थका-हारा हो कृतज्ञ देगा दुआ ।
शायद वो भी फिर रोपेगा एक पौधा
जो बन कर सघन वृक्ष छांव घनी देगा ।
चलो रोपते हैं एक पौधा । उम्मीद का ।
जवाब देंहटाएंबरसों बाद जिसकी ठंडी छांव में बैठा
कोई थका-हारा हो कृतज्ञ देगा दुआ ।
शायद वो भी फिर रोपेगा एक पौधा
जो बन कर सघन वृक्ष छांव घनी देगा ।
बहुत बढ़िया नुपूरम जी।एक पेड़ भविष्य की अनगिन संभावनाओं से जोड़ता है।
बहुत सुंदर विचार पूर्ण रचना । ये पौधा रोपने का सिलसिला चलता रहे तो पर्यावरण भी दुरुस्त हो जाये ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना 6 जून 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(६-०६-२०२२ ) को
'समय, तपिश और यह दिवस'(चर्चा अंक- ४४५३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सारगर्भित सोच वृक्ष लगा कर हम भविष्य संवार सकते हैं!!
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने ।
जवाब देंहटाएंहम सभी को पेड़ पौधे लगाने का संकल्प लेना चाहिए । पर्यावरण को समर्पित एक सार्थक रचना । बधाई आपको।
बहुत सुंदर भाव और कल्पना, वृक्ष लगाना वाकई सबसे बड़े पुण्य का काम है वर्तमान में
जवाब देंहटाएंसार्थक जग उपयोगी सोच सुंदर काव्यात्मक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंपौधा रोपने का आह्वान मानव.अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति।
सादर।
बहुत सुंदर सार्थक एवं सारगर्भित सृजन
जवाब देंहटाएंकाश ऐसी उम्मीद का पौधा सभी रोप दें बागों में...
बहुत लाजवाब।
चलो रोपते हैं एक पौधा
जवाब देंहटाएंप्रकृति को बचाने के लिए इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है
सार्थक और सुंदर सृजन
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंचलो इस उम्मीद में
जवाब देंहटाएंरोपते हैं एक पौधा,
कि एक दिन वह
दुआ बन कर फलेगा ।
बहुत सुन्दर