एक बार बस
पीछे पलट कर देखना ।
कुछ पल
एकांत में पढ़ना,
लिखा प्रारब्ध का ।
क्या पीछे छूट गया,
क्या छोङ देना चाहिए ।
छोङ देना चाहिए
अफ़सोस और ग्लानि ।
ये आंसुओं से गीली
लकङियां हैं,
इनसे पछतावे का
धुआँ निकलता है बस,
चूल्हा नहीं जलता ।
पर करते-करते अभ्यास
जब-जब जले हाथ,
करना नहीं प्रलाप ।
अनुभव से सीख लेना
और निरंतर करना प्रयास ।
पन्ना पलट देना तत्पश्चात ।
खोल कर एक नया पन्ना
फिर से करना शुरूआत ।
बहुत अच्छी बात कही है नूपुर जी आपने।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया,माथुर साहब.
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 09 दिसंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
धन्यवाद, रवीन्द्रजी.
हटाएंइस मंच पर चुने जाने का आनंद ही कुछ और है !
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०९-१२ -२०२१) को
'सादर श्रद्धांजलि!'(चर्चा अंक-४२७३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सविनय धन्यवाद ।
हटाएंचर्चा में सम्मिलित होकर अच्छा लगता है । नमस्ते ।
पर करते-करते अभ्यास
जवाब देंहटाएंजब-जब जले हाथ,
करना नहीं प्रलाप ।
अनुभव से सीख लेना
और निरंतर करना प्रयास ।
पन्ना पलट देना तत्पश्चात ।
खोल कर एक नया पन्ना
फिर से करना शुरूआत
वाह क्या बात कही है..
लाजवाब सृजन
मनीषा जी, सह्रदय सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार । नमस्ते ।
हटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसविनय आभार.
हटाएंपर करते-करते अभ्यास
जवाब देंहटाएंजब-जब जले हाथ,
करना नहीं प्रलाप ।
अनुभव से सीख लेना
और निरंतर करना प्रयास ।
पन्ना पलट देना तत्पश्चात ।
खोल कर एक नया पन्ना
फिर से करना शुरूआत ।
बेहतरीन सीख... लाजवाब सृजन,सादर नमस्कार नुपुर जी
शुक्रिया,कामिनी जी.
हटाएं२०२२ का पन्ना कोरोना का मारा.
कोरा रह कर भी बहुत कुछ कह गया.
छोङ देना चाहिए
जवाब देंहटाएंअफ़सोस और ग्लानि ।
ये आंसुओं से गीली
लकङियां हैं,
इनसे पछतावे का
धुआँ निकलता है बस,
चूल्हा नहीं जलता ।
बहुत ही सारगर्भित लाजवाब सृजन
वाह!!!
सुधा जी, सहृदय सराहना के लिए सादर आभार.
हटाएंबेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंशुक्रिया.
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंउम्दा सृजन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद,मनोज जी.
हटाएंधन्यवाद.
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जवाब देंहटाएंकरते-करते अभ्यास
जब-जब जले हाथ,
करना नहीं प्रलाप ।
अनुभव से सीख लेना
और निरंतर करना प्रयास ।
पन्ना पलट देना तत्पश्चात ।.. बहुत ही प्रेरणास्पद सृजन ।
लाजवाब सृजन नुपुर जी
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