सारी रस्साकशी !
सारी खींचतान !
सारी लड़ाई ..
मुल्कों के बीच ..
संप्रदायों के बीच..
समुदायों के बीच ..
परिवारों के बीच ..
लोगों के बीच ..
रिश्तों के बीच..
अधिकार की नहीं..
न्याय की नहीं ..
सामंजस्य की नहीं..
विरोधाभास की नहीं ..
विचारधारा की नहीं ..
विचारधारा की नहीं ..
टकराव की नहीं..
पैसे की नहीं ..
सत्ता की भी नहीं ..
आदमी की बसाई
इस बेहतरीन दुनिया की
सारी लड़ाई,
मानसिकता की ..
थी, है और होती रहेगी ।
थी, है और होती रहेगी ।
सच मे
जवाब देंहटाएंसारी लड़ाई,
थी, है और होती रहेगी ..
मानसिकता की ।
सारी लड़ाई मानसिकता की ही तो है, और क्या .....।
यदि सुझभुज आ जाये तो हर प्रकार की लड़ाई ही खत्म ...।
बहुत खूब लिखा है आपने।
🙏🏻💐💐🙏🏻
आपकी सहृदय सराहना के लिए हार्दिक आभार.
हटाएंबात आप तक पहुँच गई. ख़ुशी हुई.
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद.
हटाएंबहुत दिनों में आपका आना हुआ.
सारी लड़ाई,
जवाब देंहटाएंमानसिकता की ..
थी, है और होती रहेगी ।
बिलकुल सही ,सुंदर सृजन ,सादर नमस्कार
धन्यवाद, कामिनी जी.
हटाएंनमस्ते.
हटाएंधन्यवाद, शास्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंअंक बहुत रोचक लगा.
अरे वाह! जीवन की सच्चाई की इतनी सरलता से अभिव्यक्ति देना सृजनकला की अनूठी विशेषता है.
जवाब देंहटाएंसुंदर रोचक एवं प्रभावी रचना.
बधाई.
क्या बात है बहुत सुंदर जीवन सार प्रस्तुत किया है आपने।
जवाब देंहटाएंसरल सहज सुंदर अभिव्यक्ति।
सच में सारी लड़ाइयों की जननी इंसान की मानसिकता ही तो हैं। बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन।
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