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शनिवार, 7 अप्रैल 2012

खोकर पाना


जिस दिन मेरा प्यार
अपनी पहचान खो बैठा,

हारसिंगार के फूलों-सा
झर गया ..
मुट्ठी से रेत जैसा
फिसल गया ..
पारे की तरह
बिखर गया ..

उस दिन मैंने,
खोकर पाना सीखा.
खुश्बू की तरह
हवाओं में घुलमिल जाना,
फूलों में बस जाना सीखा.

अपना होकर,
सबको अपनाना सीखा.      


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