नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
कुछ और पन्ने
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
Impressions
मयूरपंखी स्मृतिचिन्ह
▼
रविवार, 25 फ़रवरी 2024
सोच
›
चलो मिल कर सोचते हैं फिर एक बार, कैसे इस दुनिया को बनाया जाए बेहतर । वो दुनिया नहीं जो हमें तोहफ़े में मिली है, ईश्वर ने दी है ...
18 टिप्पणियां:
सोमवार, 5 फ़रवरी 2024
रोज़ दस सैंतालीस पर..
›
रोज़ सुबह दस सैंतालीस पर दरवाज़ा खटखटाता है, मेरा एक ख़्वाब। दरवाज़ा ना खोलो, तो चिल्लाता है वो इतनी ज़ोर से कि कान के पर्दे ही...
7 टिप्पणियां:
गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024
राम नाम
›
तर गए पत्थर जिन पर लिखा था राम नाम । कर गए पार पवनसुत सागर लेकर राम का नाम । मिला न्याय तब जब सुग्रीव हुए शरणागत। हुए मुक्त दुख से विभीषण ...
5 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें