नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
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Impressions
मयूरपंखी स्मृतिचिन्ह
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गुरुवार, 14 नवंबर 2024
बचपन
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बचपन याद आता है बहुत जब जीवन था सहज-सरल । खेलते-कूदते, लङते-झगङते पर छोङते नहीं थे कभी हाथ । कङी धूप में खेलना दिन-रात या पान...
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शनिवार, 2 नवंबर 2024
मिट्टी का दिया
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रात्रि का निविङ अंधकार उस पर अमावस की रात साधक हुए ध्यान में मग्न शेष सबके ह्रदय थे खिन्न ऐसे में एक मिट्टी का दिया जिसके तले...
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शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024
को जागरी ?
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नभ के भाल पर जब हुआ उदय दूधिया चंद्रमा, झरने लगी चाँदनी शीतल उजियारी छल-छल गगरी ! को जागरी ? जो जाग रहा था, मनसा वाचा कर्मणा, उसने पाई चाँदन...
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