किसकी है गीता ?
सारथी कृष्ण की ?
धनुर्धर अर्जुन की ?
अथवा
हमारे तुम्हारे
अंतर्द्वंद्व की ?
अंतर्द्वंद से उपजे
कुुरेदते प्रश्नों की ?
प्रश्नों के उत्तर की ?
दुविधाओं के
समाधान की ।
विसंगतियों और
जिज्ञासाओं की
चुनौतियों का
सामना करने की ।
कृष्ण का होना यदि
धरातल है योग का,
अर्जुन की दुविधा का
उपचार है गीता ।
केशव की कही
पार्थ की समझी
है जीवन संहिता
हम सब की ।
किसकी है गीता ?
जो समझे और जी ले..
उसकी है गीता ।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, जोशी जी. नमस्ते.
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 27 दिसंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
पम्मी जी, हार्दिक आभार. आपने पढ़ा और आनंद में सम्मिलित किया. नमस्ते.
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, शुभा जी. नमस्ते.
हटाएंबिलकुल उचित . जो समझे और जी ले उसकी ही है गीता.
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार, सुधा जी. आपने जान लिया सार.
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, हरीश जी.
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआपको अच्छी लगी, जान कर ख़ुशी हुई. धन्यवाद.
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