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शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

वीरों के नाम का दिया

दिवाली की रात जब 
रोशन हों गली-मोहल्ले, 
बाज़ार रोशनी में नहाए,
चारों तरफ़ चमचमाते चेहरे, 
आकाश कंदीलों की कतारें ।
ठीक झाङफानूस के नीचे 
हर आदमी खङा हो जैसे 
तमाम मुश्किलात, ग़म भुलाए
अधेरी अमावस को छुपाए,
घर की दहलीज पर घर के 
हर कोने पर दीप झिलमिलाएं,
याद रखना उन घरों की 
सूनी चौखट को जिनके लाल
घर लौट कर ना आए ,
याद रखना उन रणबांकुरों को
जिनके बीवी,बच्चे, परिवार 
ठीक से रो भी न पाए
ले लेना उनकी बलाएं ।
उनको मत भुलाना, 
जिन वीरो को खोकर
हमनें पाई स्वतंत्रता ।
उनके बलिदान का
मंगल पर्व मनाना ।
हर दिन दीप एक मन में 
वीरों के नाम का जलाना ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 23 अक्तूबर 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-10-22} को "वीरों के नाम का दिया"(चर्चा अंक-4589) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ------------
    कामिनी सिन्हा

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  3. बेहतरीन रचना
    दीवाली की शुभकामनाएं

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  4. सच में इन असीम उजालों के पीछे राष्ट्र के सजग रक्षकों का अतुलनीय उपकार है।उनके नाम दिया लगाना हमारा परम कर्तव्य है।

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  5. दीपोत्सव पर आपको सपरिवार हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 🎊🎊🎉🎉🎀🎀🎁🎁🌺🌺♥️🌹🙏

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