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मंगलवार, 13 सितंबर 2022

मातृभाषा माँ है



मातृभाषा माँ है ।
धमनियों में बहती है ।
हृदय में धङकती है ।
श्वास में बसती है ।
शब्दों में व्यक्त होती है ।

मातृभाषा माँ है ।
चुनी नहीं जाती है ।
विकल्प नहीं है । 
शाश्वत सत्य है ।
अंतिम अवलंब है ।

मातृभाषा माँ है ।
अभिव्यक्ति का श्रृंगार है ।
अनुभूति का अनुनाद है ।
जीवन का व्यवहार है ।
जन्मसिद्ध अधिकार है ।

मातृभाषा माँ है ।
अवचेतन में प्रतिष्ठित,
जननी का दुलार है ।
परदेस में ताबीज़ है ।
अपनी पहचान है ।

मातृभाषा माँ है ।
भावनाओं का विश्वकोष,
प्रथम भाव संस्कार है ।
व्यक्तित्व का प्रतिबिंब, 
अस्तित्व का आधार है ।

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चित्र साभार अंतरजाल 


5 टिप्‍पणियां:

  1. मातृभाषा माँ है ।
    अवचेतन में प्रतिष्ठित,
    जननी का दुलार है ।
    परदेस में ताबीज़ है ।
    अपनी पहचान है ।
    बहुत सुन्दर सटीक एवं लाजवाब सृजन
    हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  2. आभारी हूँ, यशोदा सखी । नमस्ते ।

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