आज ही खिले
ये फूल !
सुबह-सुबह इनकी
भीनी-भीनी
सुगंध ने
हिला कर जगाया ।
ये फूल !
सुबह-सुबह इनकी
भीनी-भीनी
सुगंध ने
हिला कर जगाया ।
उठते ही
स्मरण हो आया..
मोती सरीखी
जो कली थी,
संभव है
खिल गई हो !
मोती सरीखी
जो कली थी,
संभव है
खिल गई हो !
भाग कर
खिड़की से
झांक के देखा ।
झांक के देखा ।
सचमुच
फूल खिले थे !
फूल खिले थे !
शरारत से
मुस्कुरा के
हिल-हिल के
हौले-हौले
अभिवादन
कर रहे थे ।
मुस्कुरा के
हिल-हिल के
हौले-हौले
अभिवादन
कर रहे थे ।
दिन-प्रतिदिन
कई दिनों तक
पौधे को सींचना
पालना-पोसना
जब-तब
बार-बार देखना कहीं
फूल तो नहीं खिला !
कई दिनों तक
पौधे को सींचना
पालना-पोसना
जब-तब
बार-बार देखना कहीं
फूल तो नहीं खिला !
देखते रहो !
संभव है
आंखों के सामने ही
फूल खिल जाए !
जतन कर के
पाले-पोसे
पौधे पर
जब फूल खिलता है,
उसे देखने की
खुशी से बढ़ कर
कोई खुशी नहीं होती ।
पाले-पोसे
पौधे पर
जब फूल खिलता है,
उसे देखने की
खुशी से बढ़ कर
कोई खुशी नहीं होती ।
हाँ जी !
आज ही खिले
मन-उपवन में
कर्णफूल से फूल !
आज ही खिले
मन-उपवन में
कर्णफूल से फूल !
अहा बहुत सुन्दर कर्ण फूल से फूल सरस सौरभ से सरोबार।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
धन्यवाद. मन की वीणा तक सुरभि पहुँच ही जाती है ! जब जब फूल खिलते हैं.
हटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (13-05-2019) को
" परोपकार की शक्ति "(चर्चा अंक- 3334) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
....
अनीता सैनी
हाँ आपने ही उसे जतन से पाल पास कर बड़ा किया है खूबसूरत
जवाब देंहटाएंजी हाँ.
हटाएंजब जतन किया तब जाना
क्या होता है फूल का खिलना.
धन्यवाद,रचना जी.
नमस्ते पर आपका स्वागत है. आती रहिएगा.
वाह बहुत सुंदर कर्ण फूल
जवाब देंहटाएंशुक्रिया.
हटाएंएक जोड़ी आपको भी चाहिए क्या ? : )
बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मीनाजी.
हटाएंफूल का खिलना किसी की आस का फलना है.
👌 👌 बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, सुधा जी.
हटाएंफूल और बच्चे भगवान की सबसे बड़ी देन हैं.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार मई 14, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआनंदघन बरस रहे थे.
हटाएंसरस रचनाओं का आस्वादन कर.
धन्यवाद यशोदा जी.
बहुत सुंदर रचना 👌
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार, अनुराधा जी.
हटाएंबहुत मोहक कनफूल।
जवाब देंहटाएंऔर अनमोल ! जब से खिले हैं ! सब के मन खिल उठे हैं !
हटाएंधन्यवाद विश्वमोहन जी.
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जोशी जी. नमस्ते.
हटाएंवाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, खरे साहेब !
हटाएंनमस्ते पर आपका स्वागत है.
वाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार, ज्योति जी.
हटाएंनमस्ते पर आपका स्वागत है.
कर्णफूल से फूल!!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत सृजन...
वाह!!!
धन्यवाद, सुधा जी..एक-दो जोड़ी ले जाइए आप ! खूब जंचेंगे आप पर !
हटाएंवाह ! बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं