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बुधवार, 15 जुलाई 2015

सत्य


सब कुछ 
ध्वस्त 
होने के बाद 
जो बचता है,
वही 
शाश्वत सत्य 
होता है ।  

1 टिप्पणी:

  1. हाँ, यही तो है। यही बात तो मैं पिछली कविता पर कर रहा था। अच्छे और बुरे की परिभाषा के परे सत्य मैंने जाना है....... जब असत्य न हो, और सत्य भी न हो, तो वही सत्य है। यह बात समझी नहीं जा सकती, समझाई भी नहीं जा सकती। केवल जानी जा सकती है। यही ज्ञान है।

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