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शनिवार, 14 मार्च 2015

बात



कोई तो बात होगी 
जो तुमसे हर बात 
कहने का 
जी करता है ।

और जो बात 
कहे बिना 
कह दी जाती है ,
उसे ज़माना 
प्यार कहता है ।



  

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुश्री अर्चना चौरसिया कपूर और योगी सारस्वतजी,

    आप दोनों का बहुत धन्यवाद .
    कृपया पढ़ते रहियेगा और मार्गदर्शन करते रहियेगा .
    नमस्ते .

    नूपुर

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  2. पता नईं। कहता होगा प्यार। अब ज़माने ने कह ही दिया, तो ठीक ही होगा। अरे मज़ाक़ कर रहा हूँ। कविता अच्छी है। छोटी सी। नन्ही मुन्नी। ख़ामोशी से अपनी बात कह गई। पसंद आई। शायद पहले पढ़ा होता तो कुछ और कह पाता। मगर अभी कुछ समय पहले वह नवसंवत्सर वाली पढ़ी है। तो दिमाग़ वहीं है अभी, किसी दूसरे आयाम में। चलो बाक़ी आज नहीं पढ़ता। मगर यह तो पढ़ ही ली। प्यारी सी कविता है। इस पर टिप्पणी क्या करें भला। जब पढ़ा, तो लगा, कि अगर कुछ बोल दिया, तो कविता नाराज़ न हो जाये कहीं। सो, जो नहीं कहा, बस वही समझ लो। बहुत सारा प्यार। खुश रहो बिटिया। बहुत खुश रहो॥

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