लो आ गई
ओस की बूंदों सी,
पवित्र और पारदर्शी
एक नयी सुबह
ओस की बूंदों सी,
पवित्र और पारदर्शी
एक नयी सुबह
ताज़ी नमकीन !
जैसे खुशखबरी का तार ।
जैसे अच्छी ख़बरों से भरा अखबार ।
जैसे बारिश की ठंडी फुहार ।
जैसे नदी किनारे भीनी - भीनी बयार ।
जैसे पुराना आम का अचार ।
जैसे सहेलियों में मीठी - सी तकरार ।
जैसे रेडियो पर आज के मुख्य समाचार ।
जैसे बूढ़ी दादी का लाड़ - दुलार ।
जैसे बच्चों की गुड़ियों का संसार ।
जैसे गाय के बछड़े की पुकार ।
जैसे खिले - खिले फूलों की बहार ।
जैसे द्वारे पर स्वागत का नेग - चार ।
जैसे जीवन का सत्कार ।
ऐसी सुबह को,
जागने वाले का
नमस्कार !
जागने वाले का
नमस्कार !
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