tag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post7770109101989579250..comments2024-03-23T22:39:59.865+05:30Comments on नमस्ते namaste : काग़ज़ की नाव नूपुरं noopuramhttp://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-27582608465520613122020-01-25T10:37:22.358+05:302020-01-25T10:37:22.358+05:30कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं....कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं.... सुन्दर कविता...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-66372175871657239392020-01-23T18:14:14.507+05:302020-01-23T18:14:14.507+05:30शुक्रिया, अनीता जी.
बचपन की मासूमियत ही इंसानियत ...शुक्रिया, अनीता जी. <br />बचपन की मासूमियत ही इंसानियत जिलाये रखती है, आदमी के मन में.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-45005043499631935222020-01-23T18:08:26.829+05:302020-01-23T18:08:26.829+05:30शुक्रिया, कामिनी जी.
काग़ज़ की इस नाव पर हम सब सवार...शुक्रिया, कामिनी जी. <br />काग़ज़ की इस नाव पर हम सब सवार हो चुके हैं ! नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-13242851208845771152020-01-23T18:05:15.916+05:302020-01-23T18:05:15.916+05:30आपका हार्दिक धन्यवाद.
नाव क्या ज़िन्दगी बचपन की मध...आपका हार्दिक धन्यवाद. <br />नाव क्या ज़िन्दगी बचपन की मधुर स्मृतियों के सहारे तर जाती है.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-39289572547872438462020-01-22T17:38:42.675+05:302020-01-22T17:38:42.675+05:30यशोदा जी, आपने औरों को भी बड़े प्यार से पढवाई कागज़ ...यशोदा जी, आपने औरों को भी बड़े प्यार से पढवाई कागज़ की नाव.<br />आभारी हूँ.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-75080862270869756922020-01-22T17:37:29.623+05:302020-01-22T17:37:29.623+05:30शास्त्रीजी, हार्दिक आभार. चर्चा का यह अंक भी अच्छा...शास्त्रीजी, हार्दिक आभार. चर्चा का यह अंक भी अच्छा लगा. अब हिंदी की पत्रिकाएं मुश्किल से मिलती हैं. चर्चा यह कमी पूरी कर देती है. अपनी सम्पूर्णता और विविधता से.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-33213989753594117742020-01-22T17:34:27.589+05:302020-01-22T17:34:27.589+05:30यशोदा जी, आपका बहुत-बहुत आभार.
यह अंक पढ़ा. अच्छा ल...यशोदा जी, आपका बहुत-बहुत आभार.<br />यह अंक पढ़ा. अच्छा लगा.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-31449163901111711982020-01-21T15:10:12.205+05:302020-01-21T15:10:12.205+05:30वाह ! बचपन की मासूमियत से लबरेज कविता वाह ! बचपन की मासूमियत से लबरेज कविता Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-56051936204135644382020-01-20T21:07:02.883+05:302020-01-20T21:07:02.883+05:30बहुत खूब ..., लाज़बाब सृजन ,सादर नमन नूपुर जी बहुत खूब ..., लाज़बाब सृजन ,सादर नमन नूपुर जी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-6111370115324775232020-01-20T17:47:04.088+05:302020-01-20T17:47:04.088+05:30मासूम बचपन को दर्शाती रचना , उचित कहा आपने.
कागज क...मासूम बचपन को दर्शाती रचना , उचित कहा आपने.<br />कागज की नाव कभी डूबती नहीं, क्योंकि इसमें प्यारा- सा , निर्दोष और निश्छल बचपन जो सवार रहता है।<br />व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-12569689428803058842020-01-20T16:17:19.312+05:302020-01-20T16:17:19.312+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2020...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2020) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "आहत है परिवेश" (चर्चा अंक - 3587) </a> पर भी होगी। <br />-- <br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। <br />-- <br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। <br />सादर...! <br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-58622751994629926152020-01-20T10:21:04.577+05:302020-01-20T10:21:04.577+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 20 जनवरी 2020 को साझा की गई है......<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com