tag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post3881093233048375557..comments2024-03-23T22:39:59.865+05:30Comments on नमस्ते namaste : आज, अचानक . . अभी !नूपुरं noopuramhttp://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-10225979525442722432013-11-11T10:30:01.336+05:302013-11-11T10:30:01.336+05:30हाँ, ये ही तो थी। मुझे लगा था मेरी कल्पना थी। दिल ...हाँ, ये ही तो थी। मुझे लगा था मेरी कल्पना थी। दिल फिर से ख़ुश हो गया। जीती रहें। ख़ुश रहें॥ Shams Noorur Rehman Farooqihttps://www.blogger.com/profile/07939925275061955927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-46181730616584696242013-11-09T19:31:42.109+05:302013-11-09T19:31:42.109+05:30शम्स साहब आपको कविता जैसी ज्यादा अच्छी लगी थी , वै...शम्स साहब आपको कविता जैसी ज्यादा अच्छी लगी थी , वैसी ही ब्लॉग पर उपलब्ध है अब । हम जैसों को खुश होने का बहाना चाहिए बस । और किसी का जी खुश हो जाये तो क्या कहने ! सोने पे सुहागा !नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-725989517651635361.post-42479412657101819252013-11-07T21:04:32.963+05:302013-11-07T21:04:32.963+05:30अरे ये तो कुछ और है। कुछ बदल गया है इसमें। या मेरा...अरे ये तो कुछ और है। कुछ बदल गया है इसमें। या मेरा बूढ़ा दिमाग़ कोरी कल्पना कर रहा है। जब मैंने इलाहाबाद जाने से पहले पढ़ी थी तो कुछ अंतर था शायद। या पता नहीं। मगर वह ज़्यादा अच्छी लगी थी। हर एक बात के बाद मन गाया था और मेज़ पर तबला भी बजाया था। यानि हर बात पर आनंद मनाया था।<br /> <br />कविता जैसी है, वैसी है। मगर मन की यह भावना मुझे बहुत पसंद आई। जीवन की हर छोटी छोटी बात में आनंद ढूंढ लेना। एक अच्छी ख़बर पढ़ी, ख़ुश हो गये। पता चला घर पर सब ठीक है, ख़ुश हो गये। यही तो जीवन का सार है। और अब कविता की बात करें - घर पर सब ठीक होना, चेहरे पर हंसी, स्वादिष्ट दाल, खोई सीडी, पिताजी की चिट्ठी.... तो यह सादगी - 'ठीक' होना, हंसी के लिए 'उसकी देहली', 'बड़ी' स्वादिष्ट, 'पुरानी' सीडी, और पिताजी की 'लिखी' चिट्ठी... यह सादगी कमाल है। जीवन को शब्दों में न उलझा कर, जैसा है, वैसा ही देखना, और दिखाना, और सब से बढ़ कर - इस सफलता से दिखा पाना, बहुत बड़ी बात है।<br /><br />दिल ख़ुश हो गया मेरा। इस दीवाली पर शायद यह सब से अच्छा तोहफ़ा है। ख़ुश रहें। लिखती रहें। शुभकामनायें॥Shams Noorur Rehman Farooqihttps://www.blogger.com/profile/07939925275061955927noreply@blogger.com