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बुधवार, 5 नवंबर 2025

झिलमिल हिलमिल दीपशिखा


मतवाला जो निकल पङा है

सुख-दुख बाँटने जग भर का,

कभी कम न हो उसके पथ का

आलोक मार्ग दिखाने वाला !


सुख-दुख का जब हो प्रतिदान

मन रखना एक बात का ध्यान,

बस दीप अनगिनत बालते जाना

ज्योत सद्भाव की जलाए रखना ।


जगमग जगमग जब दीपमालिका

झिलमिल हिलमिल करे उजाला,

सूरज, चंदा, तारे, मिट्टी का दिया

ज्योतिर्मय कर दें हर निर्जन कोना ।


झुलसाती लपट बन गई दीपशिखा

मेटने तम अज्ञान, स्पृहा, विषाद का ,

छोटे-छोटे दियों की सजा अल्पना

पर्व प्रकाश का मना रहा मतवाला !



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