शनिवार, 4 अगस्त 2018

माँ कभी छोड़ के जाती है क्या ?

माँ चली गई ।

बिटिया रानी ..
बहुत बदलेगी ज़िन्दगी अभी ।
तुम भी बहुत बदलोगी ।

माँ के लिए,
जो आंसू आंखों में आए,
उन्हें निरर्थक बहने मत देना ।
अपने हृदय में बो देना ।
फिर पूरे अधिकार से
जीवन भर सींचना ।

माँ की स्मृति को
अलमारी में मत सहेजना ।
उनकी एक-एक बात को
अपने आचरण में
जीवित रखना ।
जीवन पर्यंत ..
आराधना करना ।

उनकी व्यथा को
सृजन का रूप देना ।
उनके स्वप्नों को
अपने रंग देना ।

माँ कभी
छोड़ के जाती है क्या ?
जब जी हो ..
मन के दर्पण में
उनको देखना ।