नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
शनिवार, 9 जून 2018
गुलमोहर
दहकते नारंगी
बेल-बूटे
कढ़े हुए हैं
उस पेड़ के
हरे उत्तरीय पर,
जिसके पास से
में रोज़ गुज़रता हूँ ।
मुस्कुराते हुए,
हाथ हिलाते हुए,
सोचते हुए...
कड़ी धूप में ही
खिलते हैं गुलमोहर ।
ये याद रहे ।
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