नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
सोमवार, 12 दिसंबर 2016
मेरे हिस्से का आकाश
मेरे हिस्से में
जितना भी
आकाश है,
बहुत है..
पंख फैला कर
उड़ान भरने के लिए ।
काफ़ी है,
बाँहें फैला कर
समूचे आकाश को
गले लगाने के लिए ।
सबके लिए,
दिल में जगह
बनाने के लिए ।
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