शनिवार, 12 अक्तूबर 2013

फूल


 
 
सड़क के किनारे ,
फुटपाथ पर 
बैठे थे,
शायद एक ही परिवार के 
कुछ लोग । 
औरतें,आदमी, बच्चे  . . 
सब लगे हुए थे 
फूलों की माला गूंथने में । 
सधे हुए हाथ 
फुर्ती से चल रहे थे । 
चारों तरफ उनके 
फूलों के ढेर थे । 
लाल , सफ़ेद , पीले 
फूल खिले - खिले ,
एकदम ताज़े ,
और पत्ते हरे । 
इन्ही फूलों और लोगों के बीच 
एक शिशु सोया था 
दरी पर ,
दीन - दुनिया से बेख़बर 
गहरी नींद में । 
उसका भोला चेहरा 
लग रहा था ,
अनेक फूलों के बीच 
एक निश्छल मासूम फूल ।