कैसे कहोगे ?
कि उससे प्यार है तुम्हें ..
चाँद उतार कर
उसकी हथेली पर
रख दो .
या इन्द्रधनुष का ताज
उसके सर पर
रख दो .
सितारों के झुमके
पहना दो .
आसमान को ज़रा-सा
झुका दो .
हाथ की लकीरों में
पढ़वा दो .
बिना कहे
सब कुछ बता दो .
तुम्हें पता है क्या ?
दिल से दिल तक एक
ख़ुफ़िया रास्ता होता है ,
जिसका पता सिर्फ़
दिल को होता है .
कहने की भी ज़रुरत है क्या ?
धड़कनों का अफ़साना
ख़ुद-ब-ख़ुद बयाँ होता है .