नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
शनिवार, 20 अप्रैल 2013
जीवन धुन के स्वर
मैंने देखा ..
चिलचिलाती धूप में
बांस की बल्लियों पर चढ़ा
एक मजदूर ,
गा रहा है
रामचरितमानस की चौपाइयां ,
अपनी धुन में मगन ..
इसी तरह साधता है वो
अपनी जीवन धुन के स्वर .
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